tag:blogger.com,1999:blog-37664470845283322572024-02-20T04:24:14.411-08:00कैसे हुआ आनलाईन सम्मेलनUnknownnoreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-3766447084528332257.post-15172535894601664892007-09-14T01:22:00.000-07:002007-09-14T01:31:18.285-07:00कैसे हुआ आनलाईन सम्मेलनस्काइप की वायस कांफ़्रेसिंग का उपयोग कर जिसमे १०० लोग एक साथ बात कर सकते हैं. तथा हिन्दी सीखो के विद्यार्थियो के सहयोग से ५०० लोगो के एक साथ बोलने तथा २५०० लोगो के सुनने की व्यवस्था की गयी (अमेरिका ,ब्राज़िल , कनाडा, स्पैन,फ़िन्लैड,इरान, मे हिन्दी सीखो विद्यार्थियो ने अपने घरो से इसका प्रसारण किया तथा वायप फ़ोन की तकनीक का उपयोग करने से कुच लोग फ़ोन से भी अपनी रचनाए प्रस्तुत कर सके सौदी अरब मे स्काईप नही होने से याहु मैसेंजर का वहा उपयोग किया गया तथा इनका सेंट्रल सर्वर होशंगाबाद मे श्री जय बालाजी नैट्चैट रहा जहा से पुरे आनलाईन सम्मेलन का नियंत्रण किया गयाUnknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3766447084528332257.post-38127949033948103552007-09-14T01:20:00.001-07:002007-09-14T01:22:35.990-07:00आनलाईन कवि सम्मेलन16 जून 2007 को हिंदी कवि सम्मेलनो की श्रँखला मे तीसरा आयाम जुड गया जब प्रख्यात कवि श्री अशोक चक्रधर के निवास से बहुमँड्लीक्रत या आनलाइन या इ कवि सम्मेलन का सँचालन अशोक जी द्वारा किया गया इस कवि सम्मेलन का आयोजन इ-कविता समूह तथा <a href="http://hindiseekho.org/">हिंदी सीखो</a> द्वारा एक साथ दुनिया के प्रत्येक कोने के कवियो की काव्य गोष्ठी तथा आगामी विश्व हिंदी सम्मेलन के विषय मे दुनिया भर के लोगो को आनलाइन जानकारी देने हेतु श्री अशोक चक्रधर जी के मार्गदर्शन मे किया गया .2 घँटे तक चले इस कवि सम्मेलन मे <a style="COLOR: rgb(255,0,0)" href="http://www.skype.com/">स्काइप </a>से जुड कर 19 देशो से लगभग 13 कवियो ने अपनी रचनाए प्रस्तुत की तथा 173 लोगो ने इस मे आनलाइन शामिल हुएUnknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3766447084528332257.post-10655306080015709012007-09-14T01:16:00.000-07:002007-09-14T01:20:02.875-07:00सम्मिलित कवि तथा श्रोता गणकुल १४ कवि जिसमे अशोक जी के घर पर उनके सहित ५ कवि थे तथा अमेरिका, कनाडा, शार्जाह,न्युजीलैड,भारत से अन्य कवि थे २५०० लोगो के सुनने की तथा ५०० लोगो की बोलने की व्यवस्था थी<br /><a href="http://www.chakradhar.com/">अशोक चक्रधर </a>भारत<br /><a href="http://www.chakradhar.com/"></a><a style="COLOR: rgb(102,51,255)" href="http://www.hindiblogs.com/prapanchtantra/default.htm">श्री आलोक पुरानिक</a> भा.<br />जयनैन्द्र कदम भारत<br />पवन दिक्षीत भारत<br />दीपक गुप्ता भारत<br />कुसुम प्रगल भारत<br /><a style="COLOR: rgb(102,51,255)" href="http://anoopbhargava.blogspot.com/">अनुप भार्गव</a> अमेरिका<br /><a style="COLOR: rgb(102,51,255)" href="http://udantashtari.blogspot.com/">समीरलाल </a>कनाडा<br /><a style="COLOR: rgb(102,51,255)" href="http://www.anubhuti-hindi.org/">पुरनिमा बर्मन</a> शारजाह<br />मानुषी चटर्जी कनाडा<br />अभिनव शुक्ला अमेरिका<br /><a href="http://www.bharatdarshan.co.nz/">रोहीत कुमार हैप्पी</a> न्युजीलैड<br />सुनिता जी भारतUnknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3766447084528332257.post-15943823416124272602007-09-14T01:12:00.000-07:002007-09-14T01:15:52.058-07:00आयोजन परिकल्पनाइस कवि सम्मेलन का आयोजन इकविता याहु ग्रुप के कवियो के सहयोग से अशोक चक्रधर जी के मार्ग्दर्शन मे किया गया था हिन्दी सीखो आनलाईन क्लासरूम द्वारा इसका प्रसारण कार्य किया गया था जिसमे हिन्दी सीखो के विद्यर्थियो के सहयोग से २५०० श्रोताओ तथा ५०० लोगो के बोलने की व्यवस्था कि गयी थीUnknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3766447084528332257.post-67722433954453506792007-09-14T01:05:00.000-07:002007-09-14T01:12:43.866-07:00प्रचार सहयोग<a href="http://www.blogger.com/anubhuti-hindi.org">अभिव्यक्ति </a><br /><a href="http://www.blogger.com/prabhasakshi.com">प्रभासाक्षी </a><br /><a href="http://www.blogger.com/webduniya.com">वेबदुनिया </a><br /><a href="http://www.blogger.com/bharatdarshan.co.nz">भारत दर्शन (न्युजीलैड)</a><br />ई-कविता याहु ग्रुप<br /><a href="http://www.blogger.com/www.hindiseekho.org">हिन्दी सीखो </a>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3766447084528332257.post-12942504339006088732007-09-14T01:04:00.001-07:002007-09-14T01:04:52.622-07:00माध्यम एवं विधी :स्काईप द्वारा सभी कवि और श्रोता जुडे थे एक नंबर स्काईप का सभी को दिया गया था जिसे डायल कर के सभी लोग वार्तालाप कर सकते थे <br />स्काईप का उपयोग करने की मुख्य वजह इसका वायस स्पष्ट्ता एवं बडी संख्या मे लोगो को जोड सकना वो भी निःशुल्क, शारजाह तथा सऊदी अरब मे स्काईप प्रतिबंध होने से याहु मैसेंजर पर इसके प्रसारण की व्यवस्था थी <br />याहु और स्काईप निःशुल्क वायस सुविधा प्रदान करते है.Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3766447084528332257.post-33021721781936993842007-09-14T00:55:00.000-07:002007-09-14T00:58:26.339-07:00स्थान समय तारीखशाम ८.०० - १०.०० (भा.स.अनुसार) <br />स्थान: ईन्टर्नेट द्वारा श्रोताओ के घर से ही <br />तारिख : १६ जुन २००७Unknownnoreply@blogger.com0